killing corona: Reality of fasttest growing economical country !

killing corona: Reality of fasttest growing economical country ! 
       भारत विश्वगुरू बननेवाला है बोलाअ जाता है मगर अभिभी देशमे मजदुरोंकी परिस्थिती बहुत बिकट है... मिनिमम वेजेस कि बात कि जाती है मगर वो उन्हे नहीं मिलती है ! मजदुरोंको पगार बिना काटे दो और किराया ना मांगो बोला जाता है मगर कौन सुनता है ? इसी बिज लॉकडाउन मे फसा कर्मचारीववर्ग अपने गाव जाना चाहता हे लेकिन उसे अनगिनत समस्याओंका  सामाना करना पड रहा है !
       महाराष्ट्र सरकार उन्हे बोली मेडिकल प्रमान पत्र नहीं लगेगा बाद मे बोले ओ लगेगा तो उसके लिये प्रायोजक डॉक्टर उनसे प्रतिव्यक्ती १०० रुपये ले रहे है ! जिल्हाधिकारी का प्रमाणपत्र चाहिए मगर जिल्हाधिकारी कि वेबसाईटपर ऑनलाईन अर्ज दाखील करने कि लिंक नहीं है .. महाराष्ट्र परिवहन महामंडळ एव्म् महाराष्ट्र सरकारकी वेबसाईट पर भी इसकी पुरी जानकारी या लिंक नहीं मिलती... उपर से एक गाडि मे केवल २ व्यक्ती जा सकते है ! क्या केवल एक परिवार मे केवल पती और पत्नी ही होते है बच्चे या भाई बहेन कोइ नहीं रहता या उन्हें किसी दुसरे के भरोसे छोडकर निकलना है ?
     इस परिस्थिती मे एक परिवार मुंबईसे टेंपो लेकर निकला था जिसे इस पत्रकारने पुरी  हकीकत जानकर मदत भी कि मगर उसका शामतक अपघात हो गया ! इस हत्या को कोन जबाबदार ? इनका क्या कसूर था ? योजना नहीं इसीलिये लोक जान हथेली पर लेकर निकल रहे है.. हमने कोइभी सरकारको नारियल हात मे देकर आओ और समारे लिये सरकार चलाओ एसा न्योता नहीं दिया था ; आपने खुद होकर वोट मांगे थे अब धोरण निश्चित करके कठोर फैसला लेकर राहत मिले एसी स्थिती बनाना यह लोकप्रतिनिधी एवम् हमारी टॅक्सपर जिनका पगार होता है उस प्रशासन इनका कर्तव्य है !
  जय हिंद जय महाराष्ट्र!
-- बाबुराव खेडेकर 

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