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शब्द

संत तुकारामानी सहज लिहित लीहिता किती छान लिहून ठेवलेय बघा.... घासावा शब्द | तासावा शब्द| तोलावा शब्द | बोलण्या पूर्वी|| शब्द हेचि कातर | शब्द सुईदोरा बेतावेत शब्द | शास्त्राधारे || बोलावे मोजके | नेमके ,खमंग, खमके | ठेवावे भान | देश ,काळ, पात्राचे बोलावे बरे | बोलावे खरे | कोणाच्याही मनावर | पाडू नये चरे || कोणाचेही वर्म | व्यंग आणि बिंग | जातपात धर्म | काढूच नये || थोडक्यात समजणे | थोडक्यात समजावणे| मुद्देसुद बोलणे | हि संवाद कला शब्दांमध्ये झळकावी | ज्ञान ,कर्म ,भक्ती | स्वानुभवातून जन्मावा | प्रत्येक शब्द || शब्दां मुळे दंगल | शब्दां मुळे मंगल | शब्दांचे हे जंगल | जागृत राहावं || जीभेवरी ताबा | सर्वासुखदाता | पाणी ,वाणी ,नाणी | नासू नये ||
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